Wednesday, May 9, 2012

मिलिए निर्मल बाबा के भी गुरु ‘महामंडलेश्वर स्वामी’ कुमारानन्द सरस्वती उर्फ ‘झोला छाप डॉक्टर’ से

समागम के जरिए दुख दूर करने वाले निर्मल बाबा ने टीवी कलाकारों से अपना गुणगान करवाया था या नहीं ये तो अभी भी मीडिया और बाबा के बीच बहस का मुद्दा बना हुआ है, लेकिन आज हम आपको मिलवाने जा रहे हैं एक ऐसे स्वामी से जो इस फन का इस्तेमाल बरसों से अपने भक्तों को लुभाने और अपनी झोली भरने के लिए करते आ रहे हैं। बताया जाता है कि निर्मल बाबा ने इन स्वामी जी से काफी कुछ सीखा है और यहां तक कहा जाता है कि उनके किराए के भक्तों का प्रिय डायलॉग बाबा जी के ‘चरणों में कोटी-कोटी प्रणाम’ का भी ऑरिजनल कॉपीराइट इन्हीं का है।
निर्मल बाबा के इन कथित गुरु का असली नाम क्या है ये कम ही लोगों को पता है, लेकिन वे खुद को श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर ब्रह्मर्षि स्वामी कुमारानन्द सरस्वती जैसे भारी भरकम नाम से संबोधित करवाना पसंद करते हैं। इन कथित स्वामी जी के समागम का प्रसारण फिलहाल सोनी टीवी, ज़ी टीवी समेत ग्यारह चैनलों पर होता है।
कुछ ही साल पहले तक कुमारानन्द सरस्वती उर्फ़ कुमारस्वामी दिल्ली और एनसीआर में मोटापा कम करने की गोलियां बेचा करते थे। तब वे खुद को डॉक्टर के. कुमार के नाम से बुलाते थे और अपने तथाकथित आयुर्वेदिक क्लीनिक का नाम अरिहंता रखा था। यह अलग बात है कि डॉक्टर साहब ने कोई चिकित्सकीय डिग्री या डिप्लोमा भी नहीं हासिल किया है।
कुमार स्वामी का प्रिय शगल है बिना शब्दों का अर्थ जाने बार बार कुछ शब्दों को अपने भाषण में दोहराते रहना जैसे प्रारूप, महाप्रारूप, आलोक, महाआलोक, अनन्त अनन्त आदि। अगर इन महाशय जी का भाषण ध्यान से सुना जाए तो हिन्दी के बड़े-बड़े जानकारों तक को शब्दकोष की शरण लेनी पड़ जाएगी। अगर इन महाशय जी के द्वारा प्रयुक्त ‘अनन्त’ शब्द के अर्थ पर ही ध्यान दिया जाए तो शब्दकोष के रचयिता तक का सर चकरा जाए। कुमारस्वामी अपने परिचय में कहते हैं, ”मैं अनन्त अनन्त राष्ट्रों के अनन्त अनन्त राष्ट्राध्यक्षों, राष्ट्रपतियों, प्रधानमन्त्रियों का निजी चिकित्सक रहा हूँ।”
खास बात ये है कि खुद को अनन्त पीएम और प्रेसीडेंट के ‘प्राइवेट डॉक्टर’ बताने वाले इन महाशय को ‘प्रेसीडेंट ऑफ लायंस क्लब, भांडुप’ भी अपना चिकित्सक मानने को राजी नहीं हैं। इन महाराज से उनके सभी मौखिक दावों का प्रामाणिक सबूत कई बार ई-मेल और फोन के जरिए मांगा गया लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया।
निर्मल बाबा के विपरीत स्वामी जी ने कई संस्थाएं बना रखी हैं। उनके बारे में कुछ जानकारियां उनके आधिकारिक वेबसाइट www.cosmicgrace.org और www.bslnd.org पर मौजूद है। वेबसाइटों पर तरह तरह के दावे किए गए हैं। स्वामी जी ने अपने भक्तों की संख्या 500 मिलियन यानि 50 करोड़ से भी ज्यादा बताई है। उन्हीं वेबसाइटों पर कहीं 150 तो कहीं 170 देशों में भक्तों का मौजूद होना बताया गया है।
स्वामी जी अक्सर अपने भ्रामक विज्ञापन देश के प्रमुख अखबारों में भी प्रकाशित करवाते रहते हैं। इनमें से अधिकतर इस तरह प्रकाशित होते हैं मानों वे खबरें हों। कोई ‘समाचार’ नई दिल्ली ब्यूरो, कोई लंदन ब्यूरो तो कोई न्यूयॉर्क ब्यूरो से प्रकाशित होता है। कुछ अखबार तो विज्ञापन को प्रमोशनल फीचर जैसे भ्रामक नाम देकर स्वामी जी का काम आसान कर देते हैं, और कुछ अखबार तो ये भी नहीं लिखते। लोगों को यही लगता है कि कुमारस्वामी एक अंतर्राष्ट्रीय हस्ती हैं। उत्तर भारत के लगभग सभी प्रमुख अखबार में स्वामी जी का फुल पेज ऐड छप चुका है और कोई भी इनके खिलाफ़ लिखने की हिम्मत तक नहीं जुटा पाता। (जारी..)

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