Wednesday, May 9, 2012

धर्म के नाम पर घोर अधर्म करने में जुटे हैं ये बाबा

नई दिल्ली। आध्यात्मिक बाबा, तांत्रिक बाबा, ओझा बाबा, योगी बाबा, भोगी बाबा, ढोंगी बाबा, ये बाबा, वो बाबा, न जाने कौन-कौन से बाबा। आज देश की जनता बाबाओं के काले कारनामें देखकर पूरी तरह से भ्रमित हो चुकी है| कोई भगवा पहन लोगों को गुमराह कर अपना उल्लू सीधा कर रहा है तो कोई सफेद, लेकिन मकसद सभी के घनघोर काले हैं।

फिलहाल आपको बता दें पर्दाफाश की नज़र आजकल उन ढोंगी बाबाओं पर है जो धर्म के नाम पर सिवाय ठगाई के कुछ नहीं कर रहे हैं| आध्यात्म के नाम पर भक्तों की भावनाओं से खिलवाड़ करने वाले बाबाओं की चर्चा के क्रम में आज हम बात करते हैं भीमानंद उर्फ इच्‍छाधारी बाबा की|

भीमानंद उर्फ इच्‍छाधारी बाबा-

आपको बता दें कि पिछले वर्ष दिल्ली के दिल में सेक्स की गुफाएं और तहखाने खोल कर बैठने वाले इस ढोंगी बाबा की मायावी दुनिया काफी फैली हुई थी। कांच के टुकड़ों पर डांस, नुकीली कीलों पर थिरकतीं बालाएं, कठपुतली के साथ नृत्य का लुत्फ उठाते इच्छाधारी बाबा भीमानंद। बाबा भीमानंद धार्मिक समारोह के नाम पर मनोरंजन का सामान परोसता था। धर्म के नाम पर लोगों की भीड़ जुटाने के लिए ये समारोह में तरह-तरह नाच करवाता था।

फिर आखिर में बारी आती थी खुद बाबा की। नृत्य करने से पहले बाबा पटाखे की लंबी लड़ी में आग लगाता था। फिर जैसे-जैसे पटाखें की लड़ी जलती जाती। वैसे-वैसे बाबा के बदन में ढोल-नगाड़े की आवाज के साथ थिरकन बढ़ती जाती।

दरअसल बाबा भीमानंद के इन समारोहों का मकसद पैसे उगाहना होता था। जाहिर है कि अगर सिर्फ साईं के नाम का प्रवचन होगा तो पैसे नहीं मिलेंगे। इसलिए इस तरह के डांस के जरिए पैसा उगाहने की कोशिश होती थी। इच्छाधारी के हर धार्मिक समारोह में पारंपरिक नृत्य के नाम पर लड़कियों से इसी तरह डांस करवाया जाता था। भोली-भाली जनता तो बेवकूफ बनती ही थी। लुत्फ उठाने वालों में होते थे पुलिसवाले और सफेदपोश। अब पुलिस इस सीडी की जांच कर बाबा के नेटवर्क का पता लगा रही है।

इस तरह के समारोह में आने वाले लोगों से बाबा अपने कारोबार यानि सेक्स रैकेट या धर्म के बाजार का सौदा भी कर लेता था। ढोंगी बाबा इच्छाधारी का यूं तो असल चेहरा हर किसी के सामने आ चुका है। लेकिन इस बीच पुलिस के लिए पहेली बन गयी बाबा की एक माशूका। बाबा की इस माशूका का एक लव लेटर बाबा के एक ठिकाने से बरामद हुआ है। इस लव लेटर में इच्छाधारी की माशूका ने कई आरोप लगाए हैं। पुलिस अब ये जानने को कोशिश कर रही है कि ये माशूका है कौन और कहीं बाबा ने इसे भी ब्लैकमेल तो नहीं किया।

इस लड़की का पता लगाने के लिये दिल्ली पुलिस ने यूपी पुलिस की मदद मांगी । दरअसल ये एक लव लेटर है जिसे नोएडा की एक लड़की ने बाबा भीमानंद को लिखा था । ये खत दिल्ली में छापेमारी के दौरान इच्छाधारी बाबा के ठिकाने से बरामद हुआ था। इस लव लेटर की इबारतों से साफ है कि बाबा भीमानंद उर्फ शिवानंद की एक माशूका भी है। जो उसे बेहद मोहब्बत करती थी। लेकिन बाबा अपनी फितरत से बाज नहीं आया। इस ढोंगी ने उस लड़की के साथ भी दगाबाजी की।

एक पन्ने के इस लव लेटर में लड़की ने अपनी मोहब्बत के दर्दनाक अंजाम की कहानी लिखी थी । जिंदगी टूट कर बिखर गयी है कुछ इस तरह जैसे रेत पर बने आशियाने बिखर जाते हैं। मैं हार गयी, वाकई आपने मुझे हरा दिया, मुझे अपनी जिंदगी कहने वाले आप मुझे छोड़कर बहुत आगे निकल गये। आज आपके लिये पैसा ही सब कुछ है। तुम्हें ना लगे, पर मुझे लगता है कि हम एक-दूसरे से बहुत दूर हो गये। अब तुम वैसे नहीं रहे जैसे कुछ महीने पहले थे। रिश्ते बनाना आसान होता है, रिश्ते निभाना बहुत मुश्किल।

इस खत का एक एक लब्ज इस बात का सबूत है कि वो भीमानंद से बेहद मोहब्बत करती थी। काफी वक्त तक बाबा लड़की से मोहब्बत की पेंगे बढ़ाता रहा। जब मन भर गया तब उसे भी छोड़ कर गायब हो गया ये जालसाज। खत से साफ होता है कि भीमानंद ने अपनी इस माशूका को तोड़ कर रख दिया।

बाबा की माशूका का ये खत एक प्लेसमेंट एजेंसी के पैड पर है। इस लेटर पैड के जरिये पुलिस प्लेसमेंट एजेंसी तक पहुंची लेकिन उसका नामो निशान तक नहीं मिला। साफ है बाबा ने अपनी करतूतों से दुनिया को तो चूना लगाया ही, मुहब्बत की दुनिया में भी वो खलनायक बन कर सामने आया।

इतना ही नहीं गिरफ्तारी के बाद यह साफ हो गया कि इच्छाधारी संत भीमानंद उर्फ राजीव रंजन द्विवेदी दिन में गेरुये चोले में लोगों को भजन और प्रवचन सुनाता था और रात में जींस और डिजाइनर शूट पहनकर अपने सेक्स रैकेट के कारोबार को अंजाम देता था। उसके रैकेट में हाई प्रोफाइल मॉडल्स, एयर होस्टेस और कॉलेज गोईंग लड़कियां हुआ करती थीं। बाबा ने मॉडल के लिए 50 हजार, स्टूडेंट के लिए 20 हजार और हाउसवाइफ के लिए 10 हजार रूपये कीमत तय कर रखी थी।

लंबे समय से दिल्‍ली में गुफाओं और तहखानों में 600 से ज्‍यादा लड़कियों को देह व्‍यापार में उतारने वाले इस बाबा के पास से पुलिस ने एक डायरी बरामद की थी। पुलिस ने जब इस डायरी को खोला तो साथ ही साथ ऐसे राज भी खुल गये जो आस्‍था से जुड़े लोगों को हिला कर रख देने वाली थी। डायरियों में 2.5 हजार करोड रुपये खुद के 125 करोड़ रुपये के कमीशन का राज खुला।

लड़कियों के दलाल भीमानंद की पकड़ कोलकाता से लेकर लासवेगास तक थी। पुलिस ने इस बाबा के घर छापेमारी की इसके आलीशान ठिकाने से चांदी के कवर वाली तलवार, बंदूक तथा बारहसिंगा के सींग बरामद किए गए। भीमानंद के परिवार वालों पर भी आपराधिक मामले दर्ज हैं। भीमानंद उर्फ इच्‍छाधारी बाबा के कुख्यात ददुआ डकैत से गहरे ताल्लुकात थे।

कृपालू जी महाराज-

अब हम बात करते हैं कृपालु बाबा की| इनका नाम भले ही कृपालू बाबा हो मगर इनका काम इसकी गवाही नहीं देता। दावा किया जाता है कि महाराज भक्‍तों को मुक्ति की मार्ग पर बढ़ाते हैं लेकिन ऐसी भी क्‍या मुक्ति कि जीवन ही खत्‍म हो जाये। बाबा ने मुक्ति की राह पर ले जाने की बात क्‍या की 63 लोग दुनिया से चल बसे।

दरअसल मामला उत्तर प्रदेश का है। कृपालू महाराज एक बार अपने आश्रम में मुफ्त बर्तन और धन वितरण करा रहे थे। अचानक किसी अफवाह को लेकर भगदड़ मच गई। भगदड़ में 63 लोगों की कुचले जाने से मौत हो गई। धर्म के नाम पर इतना घोर अधर्म प्रकाश के आने के बाद पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया। हैरत तो तब हुई जब बाबा की ओर से इस झकझोर कर रख देने वाली घटना पर अफसोस जताने के बजाये यह कहलवाया गया कि जो लोग मार गये उन्‍हें वक्‍त ने मारा है।

इस पर वामपंथी नेता बृंदा करात ने कहा था कि कि जिन ढ़ोगियों व पाखंडियों ने लोगों की धार्मिक आस्‍था का फायदा उठाया है वे निश्चित रूप से अपराधी हैं। उनका कहना है कि आज बाबाओं और स्‍वामियों की ऐसी नस्‍ल तैयार हो गई है जिसका न धर्म से, न सेवा से और न आस्‍था से काई मतलब है।

फिलहाल आपको यह बता दें कि हेरा-फेरी के दौर में कोई कैसे किसी भी संत पर विश्वास करके उसका परम भक्त बन जाता है, यह आश्चर्य का ही विषय है। ऐसा नहीं है कि अनपढ़ या गरीब लोग ही इन तथाकथित संतों के भक्त बनकर इनके चरणों में साष्‍टांग पड़े रहते हैं, बल्कि बहुत ज्यादा पढ़े-लिखे लोग भी इनके आगे गिड़गिड़ाते नजर आते हैं।

इसमें लोगों का दोष नहीं, दरअसल व्यक्ति अपने कर्मों से इतना दुखी हो चला है कि उसे समझ में नहीं आता कि किधर जाएं, जहां उसका दुख-दर्द मिट जाए। व्यक्ति धर्म के मार्ग से भटक गया है तभी तो ठग लोग बाजार में उतर आए हैं और लोगों के दुख-दर्द का शोषण कर रहे हैं।

यह सिर्फ हिन्दू धर्म की विडंबना नहीं है, सभी धर्मों में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जिन्होंने धर्म को धंधा बनाकर रख दिया है। वे भोली-भाली जनता को परमेश्वर, प्रलय, ग्रह-नक्षत्र और शैतान से डराकर लूटते हैं।

नोट:- यह खबर किसी आध्यात्म गुरु या संत के अनुयायियों की व्यक्तिगत भावनाओं को ठेस पहुँचाने के उद्देश्य से नहीं लिखी गई है, यदि इससे किसी पाठक की व्यक्तिगत भावना को ठेस पहुंचती है तो हम उसके लिए क्षमा याची है|

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