Saturday, April 14, 2012

Fraud baba- निर्मल बाबा की खबरों को अपने वेबसाइट से हटाने वाले दैनिक जागरण की यादाश्‍त लौटी

सोशल मीडिया पर निर्मल बाबा की भांडाफोड़ की शुरुआत तथा न्‍यूज एक्‍सप्रेस एवं प्रभात खबर की पहल के बाद अब दूसरे चैनल तथा अखबार भी बाबा की कृपा व करिश्‍मे पर सवाल उठाने लगे हैं. पहले स्‍टार न्‍यूज, उसके बाद साधना न्‍यूज ने बाबा के आर्थिक साम्राज्‍य का खुलासा किया तो आजतक ने बाबा का इंटरव्‍यू करके सच जानने की कोशिश की. यह अलग बात रही कि  आजतक पर अभिसार शर्मा बाबा को चमत्‍कारी शक्ति कब तथा कैसे प्राप्‍त हुई का खुलासा कर सके ना ही बाबा ने लाख सवाल करने के बाद भी इसकी जानकारी दी.
अब इस खुलासा और नई खोजों के दौर में एक खास खबर यह है कि अब तक गहन निद्रा में सोए दैनिक जागरण की तंद्रा टूट गई है. उसकी यादाश्‍त वापस लौट आई है. होश में आए दैनिक जागरण ने निर्मल बाबा की कृपा व करिश्‍मे पर सवाल किया है. हालांकि उसने कुछ नया या ताजा नहीं लिखा है, बल्कि पुरानी खबरों से तथ्‍य समेट कर एक नई खबर बनाने का प्रयास किया है ताकि इस भेड़चाल में वह सबके साथ चल सके. आपको याद दिला दें कि यह वही जागरण हैं, जिसने अपने सोशल ब्‍लॉग जागरण जंक्‍शन से निर्मल बाबा के खिलाफ लिखे गए सारे लेखों को हटा दिया था तथा लिखने वालों का ब्‍लॉग सस्‍पेंड कर दिया था. आप भी देखिए जागरण में प्रकाशित खबर'

निर्मल बाबा की कृपा व करिश्मे पर सवाल
नई दिल्ली : निर्मल दरबार के नाम से टीवी चैनलों पर छाए निर्मल बाबा की कृपा विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होने लगे हैं। लखनऊ के गोमती नगर थाने में दो बच्चों तान्या ठाकुर (16) और उसके भाई आदित्य ठाकुर (13) ने अध्यात्मिक गुरु निर्मलजीत सिंह नरूला उर्फ निर्मल बाबा के खिलाफ तहरीर दी है। भोले-भाले लोगों को ठगने का आरोप लगाते हुए उन्होंने बाबा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। तान्या और आदित्य आइपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर के पुत्र और पुत्री हैं। दोनों मंगलवार को बाबा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने गोमती नगर थाने पहुंचे।
अपनी तहरीर में उन्होंने कहा कि निर्मल बाबा ईश्वरीय शक्तियां होने का दावा करके लोगों को ठगते हैं। उनकी इस तरह की गतिविधियों से लोगों में अंधविश्वास को बढ़ावा मिलता है। उनका यह कृत्य आइपीसी की धारा 417, 419 और 420 के अलावा 508 के तहत अपराध है। हालांकि मंगलवार को गोमती नगर के थाना प्रभारी ने इन बच्चों की तहरीर नहीं ली, लेकिन बुधवार को दोनों बच्चे फिर थाने पहुंचे तो उन्होंने तहरीर तो ले ली पर प्राथमिकी दर्ज नहीं की। पुलिस का कहना है कि वह जांच के बाद ही कोई फैसला करेगी। इस बीच, दिल्ली हाईकोर्ट ने अमेरिका स्थित एक वेबसाइट पर बाबा के खिलाफ कोई भी सामग्री पोस्ट करने पर रोक लगा दी है। जस्टिस मनमोहन सिंह ने अपने अंतरिम आदेश में इस पोर्टल को निर्देश दिया कि वह अपनी साइट पर ऐसी कोई सामग्री प्रकाशित न करे जो बाबा की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाती हो। अदालत ने यह आदेश बाबा की तरफ से दायर एक याचिका पर सुनाया।
निर्मल बाबा की चर्चा हाल ही में तब शुरू हुई जब लगभग 35 चैनलों पर उनके प्रायोजित कार्यक्रमों के प्रसारण को लेकर बाबा समर्थकों और उनके विरोधियों के बीच घमासान शुरू हुआ। फेसबुक पर बाबा के तीन लाख और ट्विटर पर करीब 42 हजार फालोअर्स हैं। बाबा के हर समागम में लगभग पांच हजार लोग जुटते हैं और हर व्यक्ति से दो-दो हजार रुपये प्रवेश शुल्क लिया जाता है। निर्मलजीत सिंह नरूला उर्फ निर्मल बाबा झारखंड के पूर्व विधानसभा स्पीकर इंदरसिंह नामधारी के साले हैं। 1950 में जन्मे निर्मलजीत सिंह एक सिख परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके एक पुत्र और एक पुत्री है। इंदरसिंह नामधारी के मुताबिक, उन्होंने निर्मलजीत की बहन से 1964 में विवाह किया था, उस समय निर्मल की उम्र 14-15 साल थी। 70 के दशक में पिता की हत्या के बाद उनकी मां ने उन्हें डाल्टनगंज भेज दिया। बताते हैं कि उन दिनों निर्मल बाबा ने एक कपड़े की दुकान की जो कुछ सालों बाद बंद हो गई। इसके बाद उन्होंने निर्मल ब्रिक्स के नाम से ईटों का व्यवसाय शुरू किया, लेकिन वो भी नहीं चला।

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