मेरठ। टेलीविजन पर थर्ड आई यानी तीसरी आंख से कृपा बरसाने वाले निर्मल बाबा के दरबार में मेरठ के डिफेंस और पुलिसकर्मी भी माथा टेकते हैं। कृपा पाने के लिए सेना के जवान और पुलिसकर्मी निर्मल दरबार से संचालित उनके बैंक खाते में पैसा जमा कराने में सबसे आगे होते है। बाबा के खाते में छह दिन पूर्व तक करोड़ों रुपये जमा थे, लेकिन मंगलवार को मात्र आठ लाख रुपये ही सिर्फ रह गए है। बाकी पैसा चार दिन के भीतर निकाल लिया गया है।
मेरठ में निर्मल बाबा के भक्त कम नहीं हैं। उनके दरबार दिल्ली में जाकर कृपा हासिल करने की किस कदर होड़ है, इसका रहस्योद्घाटन पंजाब नेशनल बैंक में निर्मल दरबार के नाम से खुले खाते से हुआ है। पीएनबी में खाता संख्या 1546002100023105 में छह दिन पहले तीन करोड़ से अधिक की राशि जमा थी। मंगलवार को यह राशि घटकर आठ लाख रुपये रह गई।
निर्मल बाबा के खिलाफ परिवाद
निर्मलजीत सिंह नरुला उर्फ निर्मल बाबा और उनकी पत्नी सुषमा उर्फ लाडो के खिलाफ यहां एसीजेएम की अदालत में सोमवार को धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया है। अदालत ने बयान के लिए एक मई की तारीख तय की है।
मामला दर्ज कराने वाले शहर के औरंगशाहपुर डिग्गी निवासी हरीशवीर सिंह ने बताया कि उनका स्वास्थ्य खराब चल रहा था। बाबा का कार्यक्रम देखकर उन्होंने फोन मिलाया। बाबा की पत्नी सुषमा ने कहा कि उन्हें 11 हजार रुपये नकद और वार्षिक आय का दस फीसदी लाना होगा। वह 51 हजार रुपये नकद लेकर मिले तो उनके भविष्य के सर्वनाश होने का भय दिखाकर खीर खाने व बांटने का उपाय बताया गया। लगातार एक महीने तक खीर खाने से उनकी तबीयत और खराब हो गई। चिकित्सक को दिखाया तो पता चला कि खीर खाने के चलते ब्लड शुगर बढ़ गया है।
मेरठ में निर्मल बाबा के भक्त कम नहीं हैं। उनके दरबार दिल्ली में जाकर कृपा हासिल करने की किस कदर होड़ है, इसका रहस्योद्घाटन पंजाब नेशनल बैंक में निर्मल दरबार के नाम से खुले खाते से हुआ है। पीएनबी में खाता संख्या 1546002100023105 में छह दिन पहले तीन करोड़ से अधिक की राशि जमा थी। मंगलवार को यह राशि घटकर आठ लाख रुपये रह गई।
निर्मल बाबा के खिलाफ परिवाद
निर्मलजीत सिंह नरुला उर्फ निर्मल बाबा और उनकी पत्नी सुषमा उर्फ लाडो के खिलाफ यहां एसीजेएम की अदालत में सोमवार को धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया है। अदालत ने बयान के लिए एक मई की तारीख तय की है।
मामला दर्ज कराने वाले शहर के औरंगशाहपुर डिग्गी निवासी हरीशवीर सिंह ने बताया कि उनका स्वास्थ्य खराब चल रहा था। बाबा का कार्यक्रम देखकर उन्होंने फोन मिलाया। बाबा की पत्नी सुषमा ने कहा कि उन्हें 11 हजार रुपये नकद और वार्षिक आय का दस फीसदी लाना होगा। वह 51 हजार रुपये नकद लेकर मिले तो उनके भविष्य के सर्वनाश होने का भय दिखाकर खीर खाने व बांटने का उपाय बताया गया। लगातार एक महीने तक खीर खाने से उनकी तबीयत और खराब हो गई। चिकित्सक को दिखाया तो पता चला कि खीर खाने के चलते ब्लड शुगर बढ़ गया है।
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