Sunday, April 15, 2012

Fraud nirmal baba -बाबा के 'थर्ड आई' के रहस्य का कुछ यूं हुआ पर्दाफाश

अपनी रहस्यमयी शक्तियों के जरिए लोगों के कल्याण का दावा करने वाला निर्मल बाबा का 'सच' धीरे-धीरे सामने आता जा रहा है। सभी यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि आखिर कैसे लोग बाबा के झांसे में आ जाते थे। तीसरी आंख होने का दावा करने वाले इस शख्स के लोग कैसे कायल हो जाते थे।

निर्मल बाबा के ही एक पूर्व सहयोगी पंडित अजय गौतम के मुताबिक, बाबा को किसी तरह का आध्यात्मिक या धार्मिक ज्ञान नहीं है। वह ढोंगी हैं। ग्रेटर कैलाश में एक बेसमेंट में प्रॉपर्टी खरीदने-बेचने, किराए पर देने के साथ-साथ 40-50 लोगों का 'दरबार' लगाते थे। निर्मल खुद 'लाल किताब' पढ़कर कुछ लोगों को इकट्ठा कर उनके दुख दूर करने का दावा करते थे।

वह बताते हैं, 'तब बाबा लोगों से पैसे लेकर कमिटी भी चलाते थे। इसके बाद बाबा ने कुछ पीआर एजेंसियों को नियुक्त किया और अपने प्रचार-प्रसार का काम शुरू कर दिया। क्या किसी व्यक्ति के द्वारा तीसरी आंख होने का दावा करना महज ढोंग है।"

वहीं एक निजी टीवी चैनल से बातचीत में निर्मल बाबा ने कहा, 'मैंने कभी चमत्कार का दावा नहीं किया। मैं इसे कृपा कहता हूं। मैं अंधविश्वसा को तोड़ने वाला माना जाता हूं। यंत्र मंत्र तंत्र के पाखंड में फंसने वालों के खिलाफ हूं। ये कृपा पैसे से खरीदी नहीं जा सकती है। मेरे साथ लोग जुड़ते चले जा रहे हैं।''

बाबा अपने साथ हुए चमत्कार के बारे में कहते हैं, ''मुझे अपनी शक्तियों का एहसास पहली बार तब तब हुआ जब मेरी बहने छत के नीचे दबीं हुई थीं। मैं उस समय दूर था। पर मुझे इस बात का अहसास हो गया। हालांकि मैंने तब इसे हलके में लिया था।''


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